गुरुजी दुनिया का भला करते हुए बहुत से शहरों और गाँवों में जाते रहें। एक बार वो एक गाँव के बाहर जाकर रुक गए। गुरुजी के साथ उनका एक सिक्ख भाई मरदाना भी था। मरदाना ने गुरुजी से विनती की, 'महाराज बहुत जोर से भूख लगी है आप कहे तो गाँव में जाकर खाने के ...
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