गुरु नानकदेवजी का बहुमुखी प्रतिभावान जीवन दर्शन मानवतावादी दर्शन था। वे मानवीय समता, समानता, समरसता, सौहार्दता, विश्व बंधुत्व के प्रबल पैरोकार थे। जपुजी साहब के चौदहवें पद में वे स्पष्ट शब्दों में दर्शाते हैं- '
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