कल तारण गुरू नानक आया
भादों की अमावस की धुप अँधेरी रात में बादलों की डरावनी गड़गड़ाहट, बिजली की कौंध और वर्षा के झोंके के बीच जबकि पूरा गाँव नींद में निमग्न था, उस समय एक ही व्यक्ति जाग रहा था,'नानक'। नानक देर रात तक जागते...
View Articleखालसा पंथ की स्थापना का त्योहार बैसाखी
बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसीलिए बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रबी की फसल के पकने...
View Articleप्रमुख गुरुद्वारा साहिब
गुरु नानक का यहाँ बीबी सुलक्षणा से 18 वर्ष की आयु में संवत् 1544 की 24वीं जेठ को विवाह हुआ था। यहाँ गुरु नानक की विवाह वर्षगाँठ पर प्रतिवर्ष उत्सव का आयोजन होता है।
View Articleसिख पंथ के दस गुरु साहिबान
सिख धर्म दुनिया का सबसे उच्चतम धर्म है जिसने मानव मात्र की भलाई के लिए हमें एक नया जीवन प्रकाश प्रदान किया है। जहाँ इसमें प्राचीन धर्मों की विशेषताएँ ग्रहण कर ली गई हैं, वहीं यह भी प्रयत्न किया गया है...
View Articleनानक उत्तम-नीच न कोई
श्री गुरुनानकदेवजी का आगमन ऐसे युग में हुआ जो इस देश के इतिहास के सबसे अँधेरे युगों में था। उनका जन्म 1469 में लाहौर से 30 मील दूर दक्षिण-पश्चिम में तलवंडी रायभोय नामक स्थान पर हुआ जो अब पाकिस्तान में है।
View Articleनानकजी की कथनी-करनी में अंतर नहीं था
गुरु नानकदेवजी का बहुमुखी प्रतिभावान जीवन दर्शन मानवतावादी दर्शन था। वे मानवीय समता, समानता, समरसता, सौहार्दता, विश्व बंधुत्व के प्रबल पैरोकार थे। जपुजी साहब के चौदहवें पद में वे स्पष्ट शब्दों में...
View Articleगुरुनानक जयंती विशेष
सिख धर्म के दस गुरुओं की कड़ी में प्रथम हैं गुरु नानक। गुरु नानकदेव से मोक्ष तक पहुँचने के एक नए मार्ग का अवतरण होता है। इतना प्यारा और सरल मार्ग कि सहज ही मोक्ष तक या ईश्वर तक पहुँचा जा सकता है।
View Articleगुरु गद्दी दिवस के 300 वर्ष
श्री गुरुनानक देव जी से ले के सारे गुरु साहिब जी ने मानव जाति को ये संदेश दिया 'अवल अलह नूर उपाइआ कुदरति के सभ बंदे एक नूर ते सभ जग उपजिआ कउन भले को मंदे' हर मनुष्य को एक ही परमात्मा ने बनाया है सभी उस...
View Articleगुरु नानक देव के मूल मंत्र
गुरु नानक देव की जयंती विशेष पर गुरु ग्रंथ साहिब के मूल मंत्र के पाठ का विशेष महत्व है। पाठकों के लिए प्रस्तुत है मूल मंत्र :
View Articleधन्य हो गुरु नानक!
गुरुजी दुनिया का भला करते हुए बहुत से शहरों और गाँवों में जाते रहें। एक बार वो एक गाँव के बाहर जाकर रुक गए। गुरुजी के साथ उनका एक सिक्ख भाई मरदाना भी था। मरदाना ने गुरुजी से विनती की, 'महाराज बहुत जोर...
View Articleभगत की छपरी
एक बार श्री गुरु नानक देव जी एक गाँव में गए, उनके साथ उनके प्रिय सिक्ख भाई मरदाना भी थे। उस गाँव में एक गरीब आदमी रहता था। उसने जब गुरुजी के दर्शन करें तो गुरुजी को विनती की कि आप मेरे साथ मेरे घर...
View Articleखरा सौदा
एक बार श्री गुरू नानक देव जी को उनके पिता कल्याणदास जी ने 20 रुपए दिए और कहा बेटा बाजार जाकर खरा सौदा लेकर आना। गुरुजी अपने पिता की आज्ञा मानते हुए 20 रुपए लेकर शहर चले गए। उस समय 20 रुपए की कीमत काफी...
View Articleमेहरबान साहिब मेरा मेहरबान
एक बार श्री गुरु नानक देव जी जगत का उद्धार करते हुए एक गाँव के बाहर पहुँचे और देखा वहाँ एक झोपड़ी बनी हुई थी। उस झोपड़े में एक आदमी रहता था, जिसे कुष्ठ का रोग था। गाँव के सारे लोग उससे नफरत करते थे कोई...
View Articleगुरु नानक देव और नवाब
एक बार श्री गुरु नानक देव जी के पास एक नवाब और काजी आए। उन्होंने आकर गुरुजी से कहा- आप कहते है ना! ना कोई हिन्दु और ना मुसलमान...! सब कुदरत के बन्दे हैं। अगर आप यही मानते है कि ईश्वर एक ही है तो आज आप...
View Articleनानक ने दिया था हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश
गुरु नानक का जन्म आधुनिक पाकिस्तान में लाहौर के पास तलवंडी में 15 अप्रैल 1469 को एक हिन्दू परिवार में हुआ जिसे अब ननकाना साहब कहा जाता है। पूरे देश में गुरु नानक का जन्मदिन प्रकाश दिवस के रूप में...
View Articleगुरु नानक : प्रेम के पथ प्रदर्शक
सन् 1469 की कार्तिक पूर्णिमा को संसार में एक महापुरुष का आविर्भाव हुआ। इस ज्योति पुरुष को गुरु नानकदेवजी के नाम से जाना गया। श्री गुरु नानक का मिशन मानवतावादी मिशन था। उनका चिंतन धर्म के सत्य, शाश्वत...
View Articleगुरु नानक देव की वाणी
सच खंड में निराकार परमात्मा का निवास है। वह सृष्टि की रचना करके उसकी देखभाल करता है और अपनी कृपा दृष्टि से निहाल भी करता है। वहाँ असंख्य खंड, मंडल और ब्रह्माण्ड हैं। यदि कोई कथन करना चाहे तो उसके अंत...
View Articleसतगुरु नानक साहब
पहली पात्शाही गुरु नानक साहब का जन्म तलवंडी नामक ग्राम वर्तमान ननकाणा साहब में बेदीवंश में कार्तिक पूर्णिमा ईसवी सन् 1469 में हुआ था। शैशव अवस्था में इनको संस्कृत तथा फारसी की शिक्षा दी गई। इनके हृदय...
View Articleगुरु नानक धन्य हो!
गुरुजी दुनिया का भला करते हुए बहुत से शहरों और गाँवों में जाते रहें। एक बार वो एक गाँव के बाहर जाकर रुक गए। गुरुजी के साथ उनका एक सिक्ख भाई मरदाना भी था। मरदाना ने गुरुजी से विनती की, 'महाराज बहुत जोर...
View Articleजो बोले सो निहाल सतश्री अकाल
सिख धर्म के दस गुरुओं की कड़ी में प्रथम हैं गुरु नानक। गुरु नानकदेव से मोक्ष तक पहुँचने के एक नए मार्ग का अवतरण होता है। इतना प्यारा और सरल मार्ग कि सहज ही मोक्ष तक या ईश्वर तक पहुँचा जा सकता है।...
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